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कांग्रेस घोषणापत्र के कुछ खतरनाक तथ्य

            कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र को ‘न्याय पत्र’ नाम दिया है। अपना वोट देने से पहले दो बार सोचें कि क्या आप काँग्रेस के प्रत्याशी को वोट देकर कहीं देश को संकट में तो नहीं डाल रहे? मैं यहाँ सिर्फ उन तथ्यों की विवेचना करूंगा जिन का पार्टी ने अपने घोषणापत्र में लिखा है कि अगर उन की सरकार बनी तो वे उन घोषणाओं को कार्यान्वित करेंगे। 1.   सामाजिक व आर्थिक सर्वे           कांग्रेस सरकार भारत का आर्थिक सर्वे करवाएगी और उसके बाद धन-सम्पति का पुनर्वितरण करेगी। जनसंख्य के एक बड़े भाग को सामाजिक न्याय का यह वादा काफी आकर्षक लगेगा। यही सोच के काँग्रेस ने यह जाल फैंका है। लेकिन देश को कालांतर में कितना नुकसान होगा ये कल्पनातीत है। आरंभ में विश्व में साम्यवाद के विस्तार का कारण भी यही आकर्षण था। लेकिन कुछ ही समय में साम्यवाद के नुकसान सामने आने लगे। सोवियत यूनियन की आर्थिक दशा के पतन के साथ ही सोवियत यूनियन का भी पतन  हो गया। इस से चीन ने सबक सीखा और साम्यवादी राजतन्त्र के बीच खुली अर्थव्यवस्था को प...
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चुनाव 2024 - विपक्ष द्वारा प्रचारित सदाबहार झूठ

            आम चुनाव 2024 घोषित हो चुके हैं। सभी राजनीतिक दल चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं। सभी दलों द्वारा वोटरों को लुभाने के लिए, एक ओर संभव और असंभव घोषणाओं का सहारा लिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर, सत्य एवं असत्य आरोपों की झड़ी लगाई जा रही है। मैं मोदी का प्रशंसक रहा हू। इसलिए मेरे कांग्रेस व अन्य दलों के मित्र इस लेख की तटस्थता पर आक्षेप करेंगे। यह किसी सीमा तक तार्किक भी हो सकता है। लेकिन मैं तथ्यों के प्रस्तुतीकरण में यथा संभव तटस्थ रहने का प्रयत्न करूंगा। इस लेख में हम कांग्रेस व इसके सहयोगियों द्वारा प्रचारित सदाबहार आरोपों की वस्तुस्थिति जानने का प्रयत्न करेंगे। तब तक पाठक, उनकी दृष्टि में भाजपा अथवा मोदी जी द्वारा प्रसारित झूठों पर मुझ से स्पष्टीकरण मांग सकते हैं। 1.      मोदी का हर एक व्यक्ति को 15 लाख देने का वादा : 2.    2 करोड़ नौकरी के वादे पर भाजपा सरकार पूरी तरह विफल: 3.    महंगाई कमर-तोड़: (गैस सिलिन्डर) 4.    पेट्रोल-डीज़ल की अनियंत्रित महंगाई: 5.    किसानों की आय को दुगना करने का वादा: ...

2021 – पश्चिमी बंगाल व दक्षिण में चुनावों में भाजपा की हार के मायने

  2021 – पश्चिमी बंगाल व दक्षिण में चुनावों में भाजपा की हार के मायने             बंगाल के चुनावों में ममता की जीत से विपक्ष, विशेषतः कांग्रेस गदगद है और वे इसे मोदी की बड़ी हार कहते थक नहीं रहे। लेकिन क्या ये वास्तव में भाजपा की हार है? ज़रा सोचिए –           2016 के चुनावों में भाजपा केवल 10 % वोटों के साथ 3 सीटें जीत पाई थी जो 2021 में बढ़ कर 3 8.13 % वोटों के साथ 77 सीटें हो गईं।   तो हार कैसी? इसे भाजपा की बड़ी हार बताने वालों का तर्क भी सुन लीजिए : 1.      भाजपा की वोट प्रतिशतता में 2019 लोकसभा चुनावों के मुकाबले 2% की कमी हुई | 2.     भाजपा के बड़े नेता चीख चीख कर कह रहे थे कि भाजपा 200 से अधिक सीटों के साथ बहुमत लेगी|            लोकसभा और विधान सभा चुनावों की मत-प्रतिशतता में अंतर होना स्वाभाविक है क्योंकि दोनों में मुद्दे अलग होते हैं। प o बंगाल में 2014 लोकसभा चुनावों के बाद 2016 विधानसभा चुनावों में भी...

कोविड-19 संग जीने के लिए प्रासंगिक सुझाव

कोविड- 19 संग जीने के लिए प्रासंगिक सुझाव जैसे जैसे दिन बीते जा रहे हैं हमारे दिलों में यह बात घर कर रही है की करोना से छुटकारा संभव नहीं है। किसी भी विषाणु रोधक वैक्सीन के ना मिलने पर दिमाग में यह भावना और भी सुदृढ़ होती जा रही है। ऐसे में केवल यही सांत्वना है की मृत्यु दर कम है यद्यपि हमें इस बारे में एक झूठा दिलासा ही मिल रहा है क्योंकि जो मृत्यु दर हमें बताई जा रहा है वो संक्रमितों की कुल संख्या पर आधारित है न कि उन पर, जिन का उपचार पूर्ण हो चुका है।                          10  जून  20 20  की शाम   9:00 बजे तक देश में कोरोना वायरस के 2 ,86,257   केस पॉजिटिव पाए गए जिनमें से 8078 की मृत्यु हो चुकी है 1,40,484 स्वस्थ हो चुके है और बाकी 1,37,680 अभी भी प्रभावित हैं जिनका उपचार चल रहा है। अतः हमें मृत्यु दर 2.82% बताई गई है यानी करोना की पुष्टि होने वाले लोगों की कुल संख्या पर आधारित। परंतु यह तो गुमराह करने वाली बात है वास्तव में 1,48,562 लोगों का उपचार पूर्ण किया गया ह...